भोजपत्र से वशीकरण

किसी को भी काबू में करे भोजपत्र से वशीकरण मंत्र टोटके यंत्र उपाय का प्रयोग करके| किसी व्यक्ति द्वारा स्त्री या पुरुष के वशीकरण के लिए अगर विभिन्न वैदिक या शाबर मंत्रों के जाप और टोने-टोटके उपयोगी होते हैं, तो विविध उपायों के अनुरूप बनाए गए यंत्र की पूजा से भी मनोवांछित परिणाम मिलते हैं। भोजपत्र पर मंत्र को लिखकर तैयार किए गए यंत्र से यह संभव है। शक्तिशाली मंत्रों के जाप के बगैर ही इसका प्रभाव प्राप्त किया जा सकता है। इन्हें भोजपत्र वशीकरण यंत्र कहला जाता है। वैसे यह एक तरह का तांत्रिक यंत्र है, जिसे साधना-सिद्धि के द्वारा मां कामाख्या या भैरव देव का ध्यानकर लाल स्याही से भोजपत्र पर तैयार किया जाता है। यानि कि तांत्रिक साधना और मंत्रों के द्वारा किए जाने वाले वैदिक अनुष्ठानों के अंतरगत लौंग, केश, सियार सिंगी, काली हल्दी, नमक व हल्दी, फोटो, तिलक आदि से वशीकरण की तरह ही भोजपत्र वशीकरण भी है

मनचाहा प्यार पाने के टोटके

क्या आप प्रेमी को पाने के उपाय प्राप्त करना चाहते है या प्रेमी का खोया प्यार पाने के उपाय ? प्यार चाहे पति-पति के बीच का हो, या प्रेम-प्रेमिका के दिल में पनपा हुआ। इसे सदा के लिए कायम रखना कोई सहज खेल नहीं है। प्रेम की सच्चाई और प्रगाढ़ता जीवन में कई बातों पर निर्भर करती है, जिसे परिस्थितियों के माहौल के अनुरूप सहेजना-संभालना पड़ता है। इसके लिए किए जाने वाले सरल नुस्खों के अतिरक्ति तंत्र, मंत्र, टोने-टोटके और ज्योतिषीय उपायों के हो सकते हैं।
सहदेई की जड़ को कमर में बांधकर प्रेम की चाहत रखने वाली लड़की के पास जाने से उसका सम्मोहन बढ़ जाता है और वह वश में आ जाती है। इस तरह से प्यार के पनपने की शुरूआत हो जाती है।
सफेद अपराजिता की जड़ को गोरोचन के साथ पीसे हुए पदार्थ को तिलके रूप में लगाकर प्यार के लिए पसंदीदा लड़की के पास जाने से उसके दिल में प्यार उमड़ पड़ता है और वह मन-मस्तिष्क से वशीभूत हो जाती है।
सफेद आक की जड़ को लाल धागे के साथ कमर में बांधकर प्रिय के पास जाने से उसके प्रेम में मधुरता आ जाती है।
प्यार करने वाले को चाहिए कि वे धतूरे के बीज को नारियल में कपूर के साथ मिलाकर पीस लें। इसका नियमित तिलक लगाएं। इसके प्रभाव से प्रेमिका के प्यार में जारा भी कमी नहीं आती है और उसके मन में कभी भी छोड़कर दूसरे के पास जाने के बारे में विचार तक नहीं आते हं।
प्रेमियों को आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए चाहिए कि वे शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य मिलें। यह दिन प्रेम की प्रबलता बढ़ाने वाला होता है तथा इस दिन मिलने से प्रेमियों के बीच प्रेम में कमी नहीं आती है। इसके साथ ही यदि चाहते हैं कि प्रेम-प्रसंग में किसी तरह की बाधा नहीं आए, और न ही विवाद उभरने पाए तो उन्हें अमावस्या या शनिवार के दिन मिलने से बचना चाहिए।