वैवाहिक जीवन में कलह निवारण हेतु उपाय

1. एक राम और सीता की बड़ी तस्वीर घर में लेकर आए और उसे दीवार पर लगाएं, फिर जब भी आपमें झगड़ा हेा तो कम से कम 5 मिनट तक बिल्कुल चुप होकर उस तस्वीर की तरफ देखते रहें और मन में विचार करें कि हमारा विवाहित जीवन भी इन दोनों के समान आत्मसूर्पण भाव से युक्त हो – अपने आप आपकी समस्या दूर होने लगेगी ।
2. ज्यादातर औरतें अपनी सास से बैर रखती हैं अथवा उन्हें सास ही ऐसी मिलती है कि सइ उससे बैर रखती है। अर्थात् औरत ही औरत की शत्रु बन जाती हैं। इस परिस्थिति में पुरुष त्रिशंकु बन जाता है और किसकी तरफ जाए यह सोचकर परेशान हो जाता है इस परिस्थति से बचने के लिए बृहस्पतिवार के दिन भोजपत्र पर गायत्री मंत्र चंदन से लिखें और उसके 2 ताबीज बनाकर पीले कपड़े में एक अपनी माता के और एक पत्नी के दांयी भुजा पर बांध दें ।
3. रोज एक तांबे के लोटे में जल भरें और पहले अपनी माता के हाथ से तथा बाद में पतनी के हाथ से उसे स्पर्श कराकर तुलसी के पौधे में डाल दें। रविवार को नहीं डालें ।
4. रोज एक रोअी में गुड़ और चने डालकर शाम को अपनी माता व पत्नी से स्प्र्श कराकर शाम को गाय को दें।
5. रोज दो तुलसी के पते पानी से धोकर पूजा में रखें और 21 बार गायत्री मंत्र पढकर एक पता माता को व एक पत्नी को खिलाए ।
6. सास बहू की कलह से परेशान हैं तो रोज सुबह अपने मटके में जहां पीने का पानी हो, उमसें 2 बूंद गंगाजल गायत्री मंत्र पढ़ते हुए डाल दें

भाई-भाई के बीच गृह कलह दूर करने के उपाय

1. गणेश जी एवं स्वामी कार्तिक जी का पूजन प्रतिदिन करें।
2. शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाऐं।
3. विष्णु जी को तुलसी पत्र चढ़ाऐं।
4. माता-पिता एवं पूजनीय व्यक्तियों के चरण स्पर्श करें।
5. ओम् रामाय नमः मन्त्र का जप करें।
6. रामायण या रामचरित्र मानस का यथा शक्ति पाठ करें

पति पत्नी में अनबन

पति-पत्नी में लड़ाई-झगड़ा एक आम समस्या है, लेकिन कभी-कभार इतना बदतर हो जाता है और फिर तू-तू-मैं-मैं के अलावा लाइफ में कुछ और नजर नहीं आता। कई बार पति-पत्नी इसे सुलझाना चाहते तो हैं, लेकिन एक-दूसरे को सुनना ही नहीं चाहते। कुछ लोग इस खटपट या अनबन को सुलझाने के लिए टोटकों का सहारा लेते हैं। लेकिन वे इन उपायों पर यकीन जरूर करते हैं। आइए, जानें आपसी अनबन को दूर करने के लिए लोग कैसे-कैसे टोटकों का सहारा लेते हैं।

(1) रिश्तों में बेहद खटास आ जाने पर कुछ लोग जो उपाय करते हैं, उनमें यह भी शामिल है। लाल स्याही से पति का नाम लिखें और ‘हं हनुमंते नम:’ का 21 बार जाप करते हुए उस पत्र को घर के किसी कोने में रखें। कहते हैं, ऐसा करने से आपसी कलह का निवारण होता है।

(2) न चाहते हुए भी आपसी कलह हो रहा हो तो लाल कपड़े में मसूर की दाल, रक्त चंदन एवं पांच छोटे नारियल ले लें और क्लेश मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें। अब इस पोटली को गंगा में विसर्जित कर दें। ऐसा 11 मंगलवार तक करने से दाम्पत्य सुख में वृद्धि होने लगती है।

पति-पत्नी में अनबन होना आम बात है क्योंकि जहां प्रेम होता है वहीं तकरार भी होती है। लेकिन कभी-कभी यह छोटी सी तकरार बढ़ा रूप ले लेती है। ऐसे में पति-पत्नी के बीच मनमुटाव अधिक हो जाता है और कई बार इसका परिणाम पति-पत्नी के रिश्ते को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इस समस्या से बचने के लिए नीचे एक मंत्र दिया गया है। यदि इसका विधि-विधान से जप किया जाए तो पति-पत्नी के बीच कभी अनबन नहीं होती साथ ही प्रेम और प्रगाढ़ होता जाता है।

मंत्र
अक्ष्यौ नौ मधुसंकाशे अनीकं नौ समंजनम्।
अंत: कृणुष्व मां ह्रदि मन इन्नौ सहासति।।

जप विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर एकांत स्थान पर कुश का आसन लगाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस पर बैठ जाएं। अब सामने मां पार्वती का चित्र स्थापित कर उसका पूजन करें। इसके बाद इस मंत्र का यथाशक्ति या कम से कम 21 बार जप करें। कुछ ही दिनों में आपको इस मंत्र का असर दिखने लगेगा। अगर किसी कारणवश आप इस मंत्र का जप नहीं कर सकते तो यह जप किसी ब्राह्मण द्वारा भी करवाया जा सकता है।

पति को वश में करने के लिए

यह प्रयोग शुक्ल में पक्ष करना चाहिए ! एक पान का पत्ता लें ! उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिला कर रखें ! फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें ! पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगायें ! और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जांय ! यदि पति वहां पर न हों तो उनकी फोटो के सामने जांय ! पान का पता रोज़ नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो ! रोज़ प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें ! 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाह कर दें ! शीघ्र समस्या का समाधान होगा !

शनिवार की रात्रि में ७ लौंग लेकर उस पर २१ बार जिस व्यक्ति को वश में करना हो उसका नाम लेकर फूंक मारें और अगले रविवार को इनको आग में जला दें। यह प्रयोग लगातार ७ बार करने से अभीष्ट व्यक्ति का वशीकरण होता है।
अगर आपके पति किसी अन्य स्त्री पर आसक्त हैं और आप से लड़ाई-झगड़ा इत्यादि करते हैं। तो यह प्रयोग आपके लिए बहुत कारगर है, प्रत्येक रविवार को अपने घर तथा शयनकक्ष में गूगल की धूनी दें। धूनी करने से पहले उस स्त्री का नाम लें और यह कामना करें कि आपके पति उसके चक्कर से शीघ्र ही छूट जाएं। श्रद्धा-विश्वास के साथ करने से निश्चिय ही आपको लाभ मिलेगा।
शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर अपने पूजन स्थल पर आएं। एक थाली में केसर से स्वस्तिक बनाकर गंगाजल से धुला हुआ मोती शंख स्थापित करें और गंध, अक्षत पुष्पादि से इसका पूजन करें। पूजन के समय गोघृत का दीपक जलाएं और निम्नलिखित मंत्र का 1 माला जप स्फटिक की माला पर करें। श्रद्धा-विश्वास पूर्वक 1 महीने जप करने से किसी भी व्यक्ति विशेष का मोहन-वशीकरण एवं आकर्षण होता है। जिस व्यक्ति का नाम, ध्यान करते हुए जप किया जाए वह व्यक्ति साधक का हर प्रकार से मंगल करता है। यह प्रयोग निश्चय ही कारगर सिद्ध होता है।
मंत्र : ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।”