अनार की कलम से सिद्ध वशीकरण

अनार की कलम

अनार की कलम के बहुत सारे प्रयोग है, अनार की कलम को भोजपत्र, कुमकुम, गोरोचन और अष्टगंध के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है
अनार की कलम की सहायता से आप कोई भी यन्त्र भोज पत्र पर बना कर पूजा कर सकते है |
अनार की कलम की सहायता से आप कोई भी मंत्र भोजपत्र पर लिखकर ताबीज़ में धारण कर सकते है |
अनार की कलम की सहायता से आप वशीकरण, सम्मोहन इत्यादि क्रियाए भी कर सकते है ऐसा माना जाता है |
देवी देवताओ को प्रसन्न करने के लिए भी अनार की कलम का प्रयोग किया जाता है |
घर में सुख शांति के लिए भी अनार की कलम का प्रयोग किया जाता है |

यात्रा की बाधा का तंत्र-मंत्र-यंत्र Mantra For Visa Problem Solution

 

 

यात्रा की बाधा का तंत्र-मंत्र-यंत्र

यात्रा की बाधा का तंत्र-मंत्र-यंत्र

सोमवार एवं शनिवार को पूर्व की यात्रा करने की परिस्‍थिति में यात्रा करने वाले को क्रमश: दूध का पान कर ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए यात्रा करनी चाहिए।

शनिवार को उड़द के दाने पूर्व दिशा में चढ़ाकर तथा कुछ दाने खाकर यात्रा करें एवं यात्रा के समय शनि-गायत्री का पाठ करता रहे- ‘ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्न: शनि प्रचोदयात्।’
मंगलवार एवं बुधवार को यात्रा करना जरूरी हो तो मंगलवार को गुड़ का दान करें, कुछ गुड़ मुख में धारण करें तथा मंगल-गायत्री का जप करें- ‘ॐ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौम: प्रचोदयात्।’ 
बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा आवश्यक हो तो तिल एवं गुड़ का दान करें एवं उसी से बने पकवान का भोजन कर यात्रा करें। यात्रा से पूर्व पांच बार बुध-गायत्री का पाठ कर यात्रा करनी चाहिए- ‘ॐ सौम्यरूपाय विद्महे बाणेशाय धीमहि तन्न: सौम्य: प्रचोदयात्।’
वैसे तो ज्योतिष शास्त्र के मतानुसार रविवार एवं शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा करना निषिद्ध बताया गया है, फिर भी अत्यंत आवश्यक हो जाने पर यात्रा करनी हो तो उपाय कर यात्रा की जा सकती है-
रविवार को पश्चिम में यात्रा करने के पूर्व शुद्ध गाय का घी लेकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके हवन करें तथा यात्रा से पूर्व घी का पान करें एवं कन्याओं को दक्षिणा देकर सूर्य गायत्री का जप करते हुए यात्रा प्रारंभ करें-
‘ॐ आदित्याय विद्महे प्रभाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात्।’
गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा करना सर्वथा वर्जित है, किंतु आवश्यक शुभ कार्य हेतु यात्रा करना जरूरी हो गया हो तो निम्न उपाय कर यात्रा की जा सकता है-
गुरुवार को यात्रा के पूर्व दक्षिण दिशा में पांच पके हुए नीबू सूर्योदय से पूर्व स्नान कर गीले कपड़े में लपेटकर फेंक दें, यात्रा से पूर्व दही का सेवन करें तथा शहद, शकर एवं नमक तीनों को समभाग में मिलाकर हवन करें और गुरुगायत्री का जप कर यात्रा प्रारंभ करें-

‘ॐ आंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्।’