इत्र के वशीकरण टोटके

इत्र से वशीकरण, इत्र वशीकरण मंत्र, इत्र के टोटके, इत्र वशीकरण प्रयोग – इत्र एक सौन्दर्य प्रसाधन तो है ही साथ ही इसका वशीकरण में भी बड़ा महत्व है. इसका प्रयोग बहुत ही प्राचीन समय से किया जा रहा है. इत्र से वशीकरण भी किया जा सकता है. इत्र सामान्यत: तीन तरह का होता है – सौम्य इत्र, सुगंधित इत्र और मादक इत्र. मादक इत्र का प्रयोग काम वासना उत्पन्न करने लिए लिए किया जाता है. सौम्य इत्र मंदिरों और पूजा स्थल पर उपयोग किया जाता है. इसके अतिरिक्त सुगंधित इत्र सामान्य सौन्दर्य के लिए उपयोग किया जाता है|

आसान तरीके से वशीकरण

वशीकरण करने के लिए आप अपने प्रेमी की कोई भी निजी वास्तु ले सकते है लेकिन ध्यान रहे की केवल वो वस्तु उसकी ही होनी चाइये नहीं तो वशीकरण काम नही करेगा ! सबसे सरल फोटो से वशीकरण करना होता हा इसमें केवल आपको अपने प्रेमी की फोटो देनी होती है बाकि काम हमारा होता | वशीकरण करने ले किये कुछ सामग्री की जरुरत होती है जिसको आपको हमें देना होता है और कुछ दिनों बाद आप खुद ही इसका असर देखने लगेंगे |

नमक और हल्दी का वशीकरण बहुत लोकप्रिय है इसके द्वारा आप किसी को भी अपने वस में कर सकते है जैसे की यदि आप अपने बॉस को वस में करना चाहते है तो आप वशीकरण नाम के द्वारा कर सकते है और वशीकरण स्वीट यानि मिठाई का भी प्रयोग किया जा सकता है अपने बॉस को वस में करने के लिए | आप किसी के नाम का प्रयोग करके तो अपने दुसमन को भी वस में कर सकते है सो म आपको ये बताना चाहता हु की यदि आप किसी को अपने वस में करें चाहते हो तो हमसे बस कीजिये हम किसी को भी आपके वस में कर सकते है क्योंकि ये विद्या हमारे पास है जी की इंडिया की बहुत पुरानी साष्टाठ द्वारा ली गयी है |

KISI KO VASH MEIN KARNE KE TOTKE किसी को वश में करने के टोटके

किसी को वश में करने के टोटके , ” यदि टोटका ओषधि है तो टोना रोग है! टोना किसी दूसरे पर किया जाने वाला कृत्य है है , जिसका निवारण टोटके द्वारा किया जाता है! प्रायः अपने आस पास के परिप्रेक्षय में सुना देखा होगा की अमुक व्यक्ति पर जबसे किसी ने टोना करवाया है, तबसे वह विशिप्त सा रहने लगा है ! वस्तुतः कुछ दुष्ट लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करने अथवा दूसरों को कष्ट पहुँचाने के लिए टोन का दुरूपयोग करते है, जो की मानवीय दृष्टि से उचित नहीं है, अपितु निंदनीय है! टोना एक प्रकार का अनुष्ठान है , जो अलग कार्यों के लिए अलग अलग उपायों एवम उनसे सम्बंधित मंत्रो द्वारा किया जाता है!
तो आइये जानते है आज की इस अतिमहत्वपूर्ण टोटके के बारे में जिसकी सहायता से आप किसी की मनुष्य को पूर्ण रूप से अपने वश में कर सकते है लेकिन इस टोटके की सिद्धि आपको तभी प्राप्त होगी जब आप इस टोटके को पूरी श्रद्धा भाव से करेंगे!

यह एक बहूत ही शक्तिशाली टोटका है! निचे चित्र में प्रदर्शित यन्त्र को पर्याप्त बड़े ११ सफ़ेद कागचों पर अनार की कलम से केसर और कस्तूरी मिश्रित स्याही से लिखे! धुप दीप जलाकर अपने उपास्य देव को याद करे और उनसे दुर्भाग्य हटाकर अच्छे दिन देने की प्रार्थना करे! सच्चे दिल से भगवान् की प्रार्थना करने के पश्चात पर्याप्त मात्रा में आता लेकर गूँथ लें! उस आते की ११ लोइयां बनाकर प्रत्येक में तह करके एक एक यन्त्र रखें और इस प्रकार गोले बनाये की कागज़ पूरी तरह से आते में छिप जाये! आटे के इन गोलों को उस व्यक्ति का ७ बार नाम बोलकर (जिसको आप वश में करना चाहते है) किसी नदी में प्रवाहित कर दें! यह कार्य लगातार ११ दिन तक किया जाता है और वह भी सूर्य के छिपने से पहले! शाम को प्रतिदिन एक निश्चित समय पर और सभी से छिपाकर इस टोटके को करने पर इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है!

तंत्र मंत्र

सारे प्रयोग किसी सिद्ध पुरुष या गुरु की देखरेख में ही संपन्न करे | अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि के साथ साथ कुछ गलत भी घटित हो सकता है  जहां कहीं भी यह पौधा अपने आप उग आता है, उसके आस-पास पुराना धन गड़ा होता है । जिस घर में श्वेतार्क की जड़ रहेगी, वहां से दरिद्रता स्वयं पलायन कर जाएगी । इस प्रकार मदार का यह पौधा मनुष्य के लिए देव कृपा, रक्षक एवं समृद्धिदाता है । सफेद मदार की जड़ में गणेशजी का वास होता है, कभी-कभी इसकी जड़ गणेशजी की आकृति ले लेती है । इसलिए सफेद मदार की जड़ कहीं से भी प्राप्त करें और उसकी श्रीगणेश की प्रतिमा बनवा लें । उस पर लाल सिंदूर का लेप करके उसे लाल वस्त्र पर स्.थापित करें । यदि जड़ गणेशाकार नहीं है, तो किसी कारीगर से आकृति बनवाई जा सकती है । शास्त्रों में मदार की स्तुति इस मंत्र से करने का विघान है ।गणेशोपासना में साधक लाल वस्त्र, लाल आसन, लाल पुष्प, लाल चंदन, मूंगा अथवा रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करें । नेवैद्य में गुड़ व मूंग के लडडू अर्पित करें । ‘‘ ऊँ वक्रतुण्डाय हुम् ’’ मंत्र का जप करें । श्रद्धा और भावना से की गई श्वेतार्क की पूजा का प्रभाव थोड़े बहुत समय बाद आप स्वयं प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करने लगेंगे । तंत्र शास्त्र में श्वेतार्क गणपति की पूजा का विधान है

प्रेम विवाह में ग्रहयोगLove in marriage Grhyog

 

 

प्रेम विवाह में ग्रहयोग

प्रेम विवाह में ग्रहयोग

जब किसी लड़का और लड़की के बीच प्रेम होता है तो वे साथ साथ जीवन बीताने की ख्वाहिश रखते हैं और विवाह करना चाहते हैं। कोई प्रेमी अपनी मंजिल पाने में सफल होता है यानी उनकी शादी उसी से होती है जिसे वे चाहते हैं और कुछ इसमे नाकामयाब होते हैं। ज्योतिषशास्त्री इसके लिए ग्रह योग को जिम्मेवार मानते हैं। देखते हैं ग्रह योग कुण्डली में क्या कहते हैं।

ज्योतिषशास्त्र में “शुक्र ग्रह” को प्रेम का कारक माना गया है । कुण्डली में लग्न, पंचम, सप्तम तथा एकादश भावों से शुक्र का सम्बन्ध होने पर व्यक्ति में प्रेमी स्वभाव का होता है। प्रेम होना अलग बात है और प्रेम का विवाह में परिणत होना अलग बात है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पंचम भाव प्रेम का भाव होता है और सप्तम भाव विवाह का। पंचम भाव का सम्बन्ध जब सप्तम भाव से होता है तब दो प्रेमी वैवाहिक सूत्र में बंधते हैं। नवम भाव से पंचम का शुभ सम्बन्ध होने पर भी दो प्रेमी पति पत्नी बनकर दाम्पत्य जीवन का सुख प्राप्त करते हैं।