सम्मोहन विद्या के लिए sammohan vidya ke liye

 

सम्मोहन विद्या के लिए

सम्मोहन विद्या के लिए

सम्मोहन विद्या को हासिल करने के लिए प्रथम सीढ़ी है त्राटक का अभ्यास। यही वह साधना है जिसका निरंतर अभ्यास करने से आपकी आंखों में अद्भुत चुंबकीय शक्ति जाग्रत होने लगती है और यही चुंबकीय शक्ति दूसरे प्राणी को सम्मोहित करके अपनी ओर आकर्षित करती है।विधिवत् रूप से शिक्षा लेना कोई आवश्यक नहीं है, क्योंकि यह तो मन और इच्छा शक्ति का ही खेल है। आप स्वयं के प्रयास, निरंतर अभ्यास और असीम धैर्य से सम्मोहन के प्रयोग सीखना आरंभ कर दें तो आप भी अपने अंदर यह अद्भुत शक्ति जाग्रत कर सकते हैं। यह विद्या मन की एकाग्रता और ध्यान, धारणा समाधि का ही मिला-जुला रूप है।

आप किसी भी आसन में बैठकर शांतचित्त से ध्यानमग्न होकर मन की गहराइयों में झांकने का प्रयास करें। हालांकि प्रारंभ में आपको कुछ बोरियत अथवा कठिनाई महसूस होगी परंतु यहीं तो आपके धैर्य की परीक्षा आरंभ हो जाती है। आप विचलित न हों और धैर्यपूर्वक प्रयास जारी रखें। मन को कहीं भी न भटकने दें। मन के समस्त विचारों को एक बिंदु पर ही केंद्रित कर लें और सिर्फ दृष्टा बन जायें अर्थात् जो कुछ भी मन के भीतर चल रहा है उसे चलने दें, छोड़ें नहीं। सिर्फ देखते जायें। आपको तो बस मन की गहराइयों में उतरकर झांकने का प्रयास करना है। शनैः शनैः आप महसूस करेंगे कि आपको आंशिक सफलता प्राप्त हो रही है। आपको कुछ अनोखा सा सहसूस होने लगेगा। बस यहीं से आरंभ होती है आपकी वास्तविक साधना और अब आप तैयार हो जाएं एक अद्भुत जगत में पदार्पण करने के लिए। जहां विचित्रताएं और आलौकिक अनुभूतियां बांहें पसारे आपका स्वागत करने को आतुर हैं। यहां आकर आपको सब कुछ (भूत-वर्तमान व भविष्य) एक चलचित्र की भांति स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होने लगता है।