क्या करें सुखी दाम्पत्य जीवन

यदि पत्नी सदैव अपने हाथ में पीली चूड़ी पहन के रखे तो भी दाम्पत्य जीवन में प्रेम व सुख बना रहेगा। … विवाहित स्त्री अपने दाम्पत्य जीवन को खुशहाल बनाने के लिए यदि प्रतिदिन केले के वृक्ष का पूजन करे  आज कल पहले तो विवाह न होना बड़ी परेशानी है और फिर विवाह के बाद निबाह होना उससे बड़ी परेशानी। अधिकांश लोगों की शिकायत है कि उनका दाम्पत्य जीवन असहज है। पति-पत्नी में तकरार और अविश्वास लगभग हर गृहस्थी में प्रवेश करता जा रहा है। वास्तव में हम सुखी दाम्पत्य के तीन प्रमुख सूत्रों को भूलते जा रहे हैं ये सूत्र हैं आदर, विश्वास और प्रेम। सभी चाहते हैं कि दाम्पत्य सुखी रहे। इसके लिए खूब कोशिश भी की जाती है। सुख दाम्पत्य का मूल स्वभाव है। चूंकि गृहस्थी में हम मूल छोड़ आवरण पर टिक जाते हैं इस कारण सुख जो है ही उसे बाहर से लाने के लिए प्रयास करते हैं। दाम्पत्य में सुख बिल्कुल ऐसा है जैसे कोई चीज रखकर भूल जाएं। यदि ठीक से ढूंढ लें तो वस्तु मिल जाती है उसे बाहर कहीं से लाना नहीं पड़ेगा या पैदा नहीं करना पड़ेगा। वह पूर्व से हमारे पास था, बस हम विस्मृत कर गए, बिल्कुल ऐसा ही है परिवार में सुख। इस सुख को ढूंढना है तो शुरुआत अपने भीतर के प्रेम से की जाए। हम जितने प्रेम से भरे होंगे, परिवार में सुख की संभावना उतनी ही बढ़ा देंगे। जीवन में प्रेम उतरने के बाद क्रियाएं करना नहीं पड़ती, होने लगती हैं।आज के समय में यह भी देखा गया है कि कुछ लोगों की पत्नियां बेवजह संदेह करती हैं और सोचती हैं कि दूसरी लड़की मेरे पति पर डोरे डाल रही है और इस कारण से अपने पति को ताने मारती हैं जिसका कारण यह होता है कि उसका पति एक दिन उस राह पर मुड़ जाता है

वैवाहिक सुख के लिए

 कन्या का विवाह हो जाने के बाद उसके घर से विदा होते समय एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी और एक पीला सिक्का डालकर उसके आगे फेंक दें, उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।

जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री के मोहजाल में फंस गये हों या आपस में प्रेम नहीं रखते हों, लड़ाई-झगड़ा करते हों तो इस टोटके द्वारा पति को अनुकूल बनाया जा सकता है।
गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में १२ बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर बाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिक कारगर सिद्ध होगा।