बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र की साधना-सिद्धि को विशेषकर जादू-टोने वाला प्रयोग माना जाता है। अत्याधुनिक रहन-सहन, जीवनशैली और ज्ञान-विज्ञान के तकनीकि विकास के दौर में भी इसके प्रति मान्यता और विश्वास में कोई कमी नहीं आई है। इसके जरिए तमाम तरह की घरेलू समस्याओं से लेकर व्यक्तिग समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। जैसे विवाह की समस्या हो, प्रेम-संबंध में रूकावटें पैदा हो जाए, या फिर सेहत संबंधी परेशानी आ जाए या आर्थिक तंगी पीछा नहीं छोड़ रही हो। इनसे छुटकारा पाने के वैदिक, धार्मिक अनुष्ठानों के अतिरिक्त तंत्र-मंत्र के प्रयोग भी फलदायी साबित होते हैं।

विचलित मन, भटकाता हुआ दिल-दिमाग और किसी की शत्रुता से अनावश्यक आ जाने वली परेशानियों को तंत्रिक साधना मुक्ति दिलवाता है। तांत्रिक साधना कोई कपोल-कल्पित प्रयोग नहीं होता, बल्कि यह मनुष्य के भीतर व्याप्त ब्रह्मांडीय ऊर्जा के स्रोत को रचनात्मक दृष्टिकोण प्रदान करने का एक तकनीकी उपाय करने वाला अचूक जरिया है। एक नजर डालते हैं कुछ विशिष्ट प्रयोगों के बारे में, जिन्हें स्वयं या तांत्रिक की मदद से पूर्ण किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में तांत्रिक साधना का बहुत प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में तारापीठ है, जहां सिद्धि और साधानाओं के लिए संतों, संन्यासियों का जमावड़ा लगा रहता है। इस पीठ के मंदिर में तारा मां की पत्थर की बनी मूर्ति स्थापित है। मंदिर से कुछ दूरी पर मीलों तक फैला हुआ महाश्मशान है।